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सनसनाती चीस को अब सांस से सुलगाइयो

Updated: Apr 19, 2024

By Odemar Bühn



सनसनाती चीस को अब सांस से सुलगाइयो


सनसनाती चीस को अब साँस से सुलगाइयो

आँख मूँदे ज़ख़्म को अब आँख-सा खुलवाइयो


देख ले जो हाथ में हो वो भी कितना दूर है

बाँध जा रख़्त-ए-सफ़र और रस्ते में मर जाइयो


शाम को घर लौटकर दरवाज़ा खोला बेख़बर

कर रहे हो मेरे घर क्या महफ़िल ऐ तनहाइयो


ज़िन्दगी है जानलेवा जलते घर से बच निकल

अपना दम मस्मूम है अब ख़ून को निकलाइयो


तू खिसक चलता दिखाई दे रहा है रात में

ख़ुद का पीछा करने ख़ंजर साथ लेता जाइयो


देख लें गर वक़्त को भी गाह झपकाना पड़े

वक़्त से दीदा लड़ाते तू ही मत झपकाइयो


ऐ ‘नफ़स’ तू साँस ले-ले जन्म भी ले दम-ब-दम

मतले में पैदा हुआ तो मक़ते में मर जाइयो


By Odemar Bühn


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