By Ekta Jasan
माँ का साया - घर का रास्ता और एक बस्ता .. भूल गई सब शहर नया था । लुका-छुपी धप्पा कहना, छत को बना लिया था खिलौना.. भूल गया सब शहर नया था । भात - तरकारी भर थाली और हमारा टिफ़िनकारी.. भूल गए सब शहर नया था । दूरदर्शन विक्रम - बेताल , शक्तिमान का वो अवतार .. भूल गया सब शहर नया था ।
By Ekta Jasan
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