By Ankur Kumar Tiwari
वो थक चुका है या साथ चल रहा है,
...मुझे भी कहां पता चल रहा है...
भीड़ थी गलियों में तो कोई किसी के गले पड़ लिया,
ख़लल हटने के बाद रकीब का किसे पता चल रहा है...
किसी रकीब से किसी रकीब तक का साथ था उसका,
...अब इस रकीब को भी कहां कुछ पता चल रहा है...
मैने हिज्र को वस्ल समझ कर पाला है,
ये भी मुझे कहां पता चल रहा है...
By Ankur Kumar Tiwari
Wow, so deep🥺😍
Best one..❤️❤️🥳