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वीर पुरुष

Updated: May 10, 2024

By Kushagra Singh


brave man

नभ पर चमकी तलवारों सा फूट पडे जो अंगारो सा 

सौ सौ मृग पर एक सिंह सा 

टूट पडे जो जन सारो सा 

काल रात्री के मध्य खड़ा जो 

चंद्रकला सी चाल चलेगा 

काल विजेता महाप्रलय मृत्युंजय वो 

महाकाल सा विक्रल बनेगा 

रक्त तलैया मे खड़ा अकेला स्वयं

 सैन्य दल बन जाएगा 

बंध सके जो कुसुम मौत पर 

सब जन से बड़ा खड़ा वो हृदय सिंह का दिखलाएगा 

चिनगारी सा खड़ा स्वयं मे

वो जल मे आग लगा जाएगा 

काल रात्रि के मध्य खड़ा वो 

चंडी सी मस्तानी बन जाएगा 

सकुशल क्षत्रिय बना खड़ा वो

धर्म के लिए यम से भी लड जाएगा 

जो न्याय के लिए नारायण से भिड़  जाएगा 

कट जाएगा मिट जाएगा छित जाएगा 

रक्त  बगित हो शौर्य मिटा देगा 

आन लुटा देगा जान लुटा देगा 

समक्ष खड़ा जिस शत्रु के उसकी पहचान मिटा देगा 

सिखा सके धर्म युद्ध उसे तो 

ऐसा कोई शास्त्र नहीं है 

छू कर निकला बदन को उसके 

लज्जित गिरा पड़ा ब्रह्मास्त्र वही है 

कट जाए जिसका शीश वही तो 

धड भी लाडने आ जाएगा 

देवो की सेना से मल्लयुद्ध करे जो 

हाँ इंद्र देव से आंख मिला लेगा 

जो शीत लहर को ताप तचा जाएगा 

पार करेगा इस धरती को 

पार करेगा उस धरती को 

वो त्रिलोक विजया बन जाएगा 

हो चाहें सेना दैत्य राज की 

अंगद सा पैर लिए नर हिमगिरि सा अड जाएगा 

त्रिलोक विजेता बनकर भी जो 

अभिमान गिरा जाएगा 

हृदय मे बसेंगे राम उसी के 

वह रावन की लंका पुनः दहन कर जाएगा 

Yयुद्धभूमि मे पराजित पक्ष से लडकर विजय मंत्र  को पढ़कर

 शत्रु का काल बने जो 

रण मे हाहाकार मचा जाएगा 

कृष्ण का अंश लिए जन्मा नर 

इस धर्मभूमि के खंड खंड को 

धर्म धान्य कर जाएगा 

मृत्युलोक मे जन्म लिए नर निराकार बन जाएगा 

काल विजेता महाप्रलय मृत्युंजय वो 

वीर पुरुष कहलायेगा


By Kushagra Singh


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10 Comments


Master Man
Master Man
May 09, 2024

Would be waiting for more such writings sir ;)

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Master Man
Master Man
May 09, 2024

These writings truly inspired me 👍

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Master Man
Master Man
May 09, 2024

Deeply appreciated

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Kalam ka Sipahi
Kalam ka Sipahi
May 09, 2024

Inspiring 🔥

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KUSHAGRA Singh
KUSHAGRA Singh
Apr 27, 2024

👐

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