By Odemar Bühn
ये रूद-ए-अश्क दिल का पसीना ज़रूर है
दिल से लहू भी जारी मजर्रा सा दूर है
हर धड़कन उसको फाँदना है कैसा फ़ासिला
दिल दूरियों की दुनिया में दम-दम से चूर है
क्या होता है सिवाए ख़िला उँगलियों के बीच
तलवों के नीचे साँस है चुल्लू में नूर है
सारे सितारे देख उन्हीं में दवाम है
नज़दीक जो सितारा है सोज़ाँ सुबूर है
सन्नाटे में तू मिटके बचा दे जहान को
सीने में जो धड़कना है आवाज़-ए-सूर है
यह ज़िन्दगी पे मर गया वह मौत पर जिया
तारों के बीच दोनों को आग़ोश-ए-हूर है
जब मर लिया ‘नफ़स’ तो अकेले न मर लिया
दुनिया में आके तन्हा है लाल और ऊर है
By Odemar Bühn
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