By Surjeet Prajapati
मेरे मौला इतना सा कर दे
जो कटे, संग उसके सफर दे….…
गलतियाँ तू मेरी माफ कर दे,
बस सके, संग उसके तू घर दे… .
मेरे मौला इतना सा कर दे…
मेरे मौला, मेरे मौला
मेरे मौला, मेरे मौला
धड़कने चाहें तू चार कम दे
मुझपे आये जो उसको रहम दे...
मेरे मौला इतना सा कर दे
जो कटे, संग उसके सफर दे… … .
जिंदगी उलझनों में है मेरी,
क्या करूँ न समझ आये मेरी,
सब चराग-ए-कतल हो गये हैं,
कोई सब अब मेरी बाकी,
मैं ये कब तक पियूँ गम ऐ साकी
तेरी दर पे लिये झोली खाली
मांगता उसको में इक सबाली
सुना है जाता कोई न है खाली
तेरा घर दौलतो से है आली
तो सुन आज इतना तू कर दे,
हमसफर उसको मेरा तू कर दे…..
मेरे मौला इतना सा कर दे
जो कटे, संग उसके सफर दे
गलतियाँ तू मेरी माफ़ कर दे
बस सके संग उसके तू घर दे…… ।
By Surjeet Prajapati
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