By Anurag Tiwari (Vairagi)
कोई आंख दिखा डराए तो तुमको भी आंख दिखानी होगी,
द्वापर में श्री कृष्ण थे आए अब खुदकी लाज बचानी होगी ,
तुमको शमशीर उठानी होगी तुमको शमशीर उठानी होगी ।
नृत्य आकर्षण बोहोत कर लिया डर का जहर है बोहोत पी लिया ,
अब समझो क्या शक्ति तुममे है अब समझो क्या वृत्ति तुममें है,
वैभव यश कीर्ती तुमसे है ये जीवन ये धरती तुमसे है ,
तुमसे ही है संसार सकल तुमसे ही है झंकार सकल,
तो ढाल प्रतीक्षा क्यों करती हो तुमको ही दहाड़ लगानी होगी,
तुमको शमशीर उठानी होगी तुमको शमशीर उठानी होगी ।
गर आजादी तुम खुद की चाहो तो शस्त्र की दीक्षा पानी होगी,
मां चंडी मां दुर्गा जैसे हिम्मत तुमको दिखलानी होगी ,
इन अत्याचारी दानव को तुमको ही धूल चटानी होगी,
तुमको शमशीर उठानी होगी तुमको शमशीर उठानी होगी ।।
By Anurag Tiwari (Vairagi)
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