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गोलगप्पेवाला

Updated: Oct 4

By Ramasray Prasad Baranwal



वह फहुत फक फक कयनेवारा व्मक्तत था । उसका स्वबाव फहुत ववचित्र था, रेककन उसका नाभ

हभें भारूभ नही था । सफ रोग उसेभालरक कहकय फुरातेथे। उसका अऩना ठेरा था क्िसऩय वह

हभायेस्कूर के साभनेखोभिा रगाकय िाट औय गोरगप्ऩेफेिता था । उस सभम हभरोग ऩाांिव ां

मा छठी तरास भेंऩढ़तेथे। वह चिल्रा चिल्रा कय गोर गप्ऩेफेिता था ऩाांि ऩैसेके दो औय दस

ऩैसेके ऩाांि गोरगप्ऩेखखराता था । िो रोग उसके महाां योि खातेउनको ऩाांि ऩैसेके त न ब

खखरा देता था । एक फात उसभेंथ की एक फाय िो उसके महाां खा रेता उसेभालरक अऩना इतना

निदीकी फना रेता की बफना खाए यह ही नहीां ऩाता । वेब तमा ददन थेआि राेेगों को ववश्वास

ही नहीां होगा कक ऩच्ि स ऩैसेके ऩाके ट भन भेंहभरोग ककतना कुछ खा ऩ कय भस्त हो िातेथे।

ऩाांि ऩैसेके गोरगप्ऩे, ऩाांि ऩैसेकी एक किौड औय ऩाांि ऩैसेका खलिमा िना खाकय तफ मत

खिु हो िात थ औय ऩाांि ऩैसेफिाकय यख रेतेथेहभरोग. कब गाहेफगाहेके लरए । रेककन

एक फात थ की हभरोग दटकपन दोऩहय भध्मान्ह के सभम बफना एक ऩर गवाएां भालरक के

खोभिेकी तयफ़ फढ़तेिातेऔय वह िैसेहभरोग के इन्तिाय भेंयहता औय बफना सभम गांवाए

अऩनेकाभ भेंरग िाता । उसका क्ितना तेि हाथ िरता उससेब तेि उसकी िुवान िरत थ

कुतााऩामिाभाां हा महीां तो ऩहनतेदेखा था हभनेउसे। इस कऩडेभेंदेखनेके आदी थेहभ उसे।

एक फाय गरत सेवह ऩैंट िटा ऩहन कय आ गमा औय कपय तमा था , हभनेउसेखफू चिढ़ामा था

उस ददन । फोरा तो कुछ नहीांथा रेककन उस ददन के फाद उसनेकपय कब ऩैंट िटानहीांऩहना था ।

सांबवत् उसका नाभ भालरक ही था। रेककन वह सफको भालरक ही कहकय फुराता था,िामद

इसलरए ककस नेउसका नाभ ही भालरक यख ददमा था । छोडो ि नाभ भेंतमा यखा है। उसकी

फोरनेकी स्टाइर इतन फदढ़मा थ कक खारी सभम भेंहभरोग उसके आस ऩास ही यहतेथे,िैसे

भानो वह हभाया कोई निदीकी दोस्त मा रयश्तेदाय हो, । वह भुझऩय कुछ ज्मादा ही ध्मान देता

िैसेभेया फडा बाई हो । भुझेब उससेकुछ ज्मादा ही रगाव हो गमा था कायण िो ब हो रेककन

उस ददन भैंघय सेऩाके ट भन राना बूर गमा था औय भैंउसके खोभिेके ऩास िाना ब नहीांिाह

यहा था ,रेककन आदतफस उसके ऩास िरा गमा औय िफ उसेऩता िरा कक भैंऩैसेराना बूर गमा


हूां तो उसनेकहा अयेभालरक इतन स फात आि सायी ि िेंभेयी ओय सेखान ऩडेग दयअसर

बफहाय के स्कूरों भेंउन ददनों तुरस िमांत सभायोह खफू धभू धाभ सेभनाई िात थ औय उस

तुरस िमांत सभायोह ऩय वहाांके लसनेभा हॉर के स्टेि ऩय भनाई गई थ औय उस अवसय ऩय भैंने

अऩन स्कूर की ओय सेबाषण ददमा था क्िसेफहुत ऩसांद ककमा गमा । ऩता नहीांकै सेउसेमह फात

ऩता िरी औय वह फहुत खिु हुआ िैसेउसनेही ब।षण ददमा हो । वह भुझेफोरा की उस ददन का

ईनाभ सभझ रो औय भेयी उसनेएक ब नहीां सुन हायकय भुझेखाना ही ऩडा । अगरेददन िफ

भैंनेउसेऩैसेदेनेिाहेतो वह फोरा तमा भालरक तमा कयतेहो । औय उसनेऩैसेरेनेसेभना ही कय

ददमा ।

हभनेकब उसेउदास नहीां देखा, हभेिा अऩनेआऩ भेंभस्त औय अऩन ही भस्त भेंदसू यों को ब

सयाफोय कय देनेकी अद्बुत ऺभता थ उस इांसान भें। एक फाय ऩता िरा कक गाांव भेंउसकी भाांकी

तबफमत फहुत खयाफ हैक्िसेसुनकय वह खदु को योक नहीां ऩामा औय गाांव िरा गमा । कुछ ददनों

फाद ही वह रौट आमा औय आनेके साथ ही अऩनेकाभ भेंकपय सेरग गमा । हभरोग उसकी

गैयहाक्ियी भेंत निाय ददन फड भुक्श्कर सेकाट ऩाए थे, तफ हभेरगा था कक वह हभायी क्िन्दग

का अलबन्न दहस्सा फन िुका था । सांबवत् उसके स्वबाव का ककतना प्रबाव हभायेऊऩय ऩडा हुआ

था मह हभायी सभझ भेंऩहरी फाय आमा था ।

सभम फ तता यहा । अफ हभरोग स्कूर छोडनेको वववि हो गए थेतमों कक अफ हभरोग नए औय

फडेस्कूर भेंऩढ़नेिानेवारेथे। एक नमा उत्साह सेबय कय हभरोग िा यहेथेिैसेकक मह तो

दनुनमाां की यीनत था रेककन हभ सब को भालरक सेबफछुडनेका फहुत दखु था । उस ददन हभाया

वहाां आखखयी ददन था ,रेककन हभ सब की आखेंबय आईं थ ां औय अन्तत् हभ सब इस वादेके

साथ अरग हुए की फ ि फ ि भेंहभरोग आतेयहेंगेऔय लभरतेयहेंगे।

आि ब उम्र के इस ऩडाव ऩय ऩहुांिनेके फाद ब रगता हैकक अब मह कर की फात है, हभरोग

अफ ब कब कब उस खोभिेवारेऔय गोरगप्ऩेवारेको उस तयह माद कयतेहैंिैसेकक वह

हभायेभन भेंयि फस गमा हो । फिऩन के दोस्त औय दोस्त ब कब कोई बूर सकता है, उस

सभम न तो आि की तयह कोई टेरीपोन नांफय मा भोफाईर की सुववधा थ , न ही कोई अन्म

सुववधा थ क्िससेवह एक दसू येको माद यखनेका कोई अन्म साधन क्िससेकोई एक दसू येको

माद यखा िा सके । हभ आि ब अऩनेफिऩन के दोस्तों को माद कय उनसेलभर सकनेकी इच्छा

कब िाह कय ब ऩूयी नहीां कय सकतेहैं। इस प्रकाय उस गोरगप्ऩेवारेसेलभरनेकी इच्छा िो

हभाया दोस्त था मा कक बाई था मा हभाया तमा था हभेनहीांऩता, रेककन उसकी माद हभायेभन से


कब नहीांसभाप्त हुई औय हभ उसेकब कब माद कयतेयहेथे। रेककन मह सम्बव नहीांकक उस

गोरगप्ऩेवारेकी माद को भन सेननकार सकांू। वह आि हभायेभन के ककस कोनेभेंवैसेही यिा

फसा हैिेसेकर की ही सायी घटनाएांसायी फातेंएक आईनेकी तयह, एक िर चित्र की तयह भानस

ऩटर ऩय घूभत यहत हैं।

इस प्रकाय एक फाय भैंअऩनेककस रयश्तेदाय की िादी भेंिालभर होनेआिभगढ़ िहय भेंगमा

हुआ था कक हभाया भन हुआ कक एक फाय इस िहय भेंघूभकय देखा िाम कक मह कै सा िहय हैऔय

भैंअऩनेसाथ रयश्तेदायी के छोटेबाई को साथ रेकय घूभनेननकर गमा । घूभतेहुए हभरोगों की

इच्छा िाट खानेकी हुई औय भैनेसाथ आए छोटेबाई सेफोरा, तो वो फोरा की थोड दयू िाकय

भालरक िाट्वारेकी दकु ान ऩय िरतेहैंवहाांफहुत अच्छा िाट लभरता है, उसकी फात सुनकय भेये

ददभाग भेंफिऩन के भालरक िाटवारेकी माद तािा हो गई ।

छोटेबाई नेभुझेटोका कक भैंकहाांखो गमा हूां , तो भैंकुछ नहीांफोरा फस उसके साथ िरता

गमा औय थोड देय फाद हभरोग िाटवारेकी दकू ान ऩय ऩहुांि गए । वहाां ऩहुांिकय भैंनेिाट वारे

की दकू ान ऩय िैसेही ननगाह डारी भुझेफहुत अच्छा रगा िफ भैंनेभालरक को वहाांफैठेदेखा । एक

फाय तो भुझेववश्वास ही नहीां हुआ कक मह वही गोरगप्ऩेवारा भालरक है,क्िसेभैंइतन लिद्दत से

माद कयता यहा हूां । वह ब भुझेदेखकय औय ऩहिानकय बावववह्वर हो गमा था, दोनों के भुांह से

कुछ नहीांननकरा फस एक दसू येको देखतेयहेऔय कपय वह अऩन िगह सेउठा औय भुझेफाहों भें

बय लरमा औय दोनों की आांखों सेअश्रधु ाय वह ननकरे । आस ऩास के रोग मह दृश्म देखकय

ववक्स्भत खडेथे, िैसेकह यहेहों की मह कै सा लभराऩ हैएक िूट फूट धायी साहफ औय एक िाटवारे

का । रेककन हभायी आक्त्भक खिु का आबास फहुत कभ रोगों को था ।

उसके फाद की कहान इतन ही हैकी हभरोगों नेउस ददन भालरक के महाां िभकय िाट

औय गोरगप्ऩेखाए । भालरक नेअऩनेहाथों सेअऩनेअांदाि भेंिाट खखराई औय ऩैसेदेनेकी फात

आनेऩय वह हाथ िोडकय खडा हो गमा औय फस उसके भुांह सेइतना ही ननकरा “बैमाि कब

अऩनेऩरयवाय को ब रेकय आओ ,भुझेफहुत खिु लभरेग “। अफ तो उसकी औय भेयी फात हभेिा

ही होत यहत है, िैसेवह भेया सफसेनिदीकी रयश्तेदाय औय बाई हो । कहतेहैंकक क्िसको भन

की अथाह गहयाइमों सेमाद ककमा िाता है,उससेभुराकात होत ही है, ऐसा भैंनेसुना था िोकक भैं

आि खदु अऩनेसाथ घटतेदेख यहा था ।


By Ramasray Prasad Baranwal



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