By Abhimanyu Bakshi
मौसम मोहब्बत का यूँ तो अज़ल से है,
उल्फ़त की बरसात कब होगी।
शुक्रिया जो बुलाया हमें दावत पे,
पर दिल की मुलाक़ात कब होगी।
सिर्फ़ तारीफ़ों से बज़्म बेगानी लगती है,
चुभने वाली बात कब होगी।
तकल्लुफ़ ख़त्म हो गया हो तो पूछूँ,
रिश्ते की शुरुआत कब होगी।
अपना दिल वापिस चाहिए, बताओ,
भंगार की ख़ैरात कब होगी।
तुम कहते थे ज़िंदगी चार दिनों की है,
बताओ, चौथी रात कब होगी।।…
By Abhimanyu Bakshi
Beautiful lines👌👌
Amazing work!
Fantastic 👌🏻
Beautiful lines
Very Good ❤️❤️