By Atulyaa Vidushi
पंखों को रोक के यू उड़ने की बातें करना फ़िज़ुल हैं,
एक लम्बी उड़ान भरना तो बेशक जरूर है।
ऊंचा उड़ जाओ इतना की देखने के लिए सर उठाना पड़े ,
और बन जाओ इतने काबिल की देखे कोई तो उसे सर झुकना पड़े ;
हो जाओ इतने सफल की मंजिल तुम्हें पा कर खुदको किस्मत वाला कहे ,
जो तुम्हें हारता देख हो रहा खुश
उसे भी तो अपनी गलती के एहसास रहे ,
खुश करके अपने दिल को क्या तुम जिंदगी नहीं जीना चाहते?
अरसो की भूख प्यास में क्या तुम सफलता नहीं पीना चाहते?
तो रूके क्यू हो तुम
तो झुके क्यू हो तुम
आओ मिलकर कहें
एक लंबी उड़ान भरना तो बेशक जरूर है
एक लंबी उड़ान भरना तो बेशक जरूर है।
By Atulyaa Vidushi
Comments