By Rupali Ramesh Uchit
जिंदगी की कश्मकश से लढना आसान है क्या ?
परिवर्तन ही जीवन है ,
पर हर परिवर्तन स्वीकारना आसन है क्या ?
दुसरो को प्रेरणा तो दे देंगे हम ,
पर समजदार बनकर खुद को समझाना
आसान है क्या ?
छुपं छुपंके तो अक्सर रो लेते है हम
पर सबके सामने मुस्कुराना
आसान है क्या ?
लाखो सवाल लेके मन मे , चूप रेहना
आसान है क्या ?
हर पल बदलते है मायने जिंदगी के ,
पर खुद को हर हाल मे संभाले रखना
आसान हैं क्या ?
गुजर जाता है मुश्किल वक्त भी
पर वो वक्त काटणा भी इतना
आसन है क्या ?
कैसे रुठ जाये किसिके बेरुखी से हम
किसी ओर की जिंदगी का मलाल समझना
आसान है क्या ?
और एसेही सबको को समजते समजते ,
हर बार खुद को नजर अंदाज करना
आसन है क्या?
By Rupali Ramesh Uchit
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