By Ritwik Das
Bhubaneswar city scene.
Roads, people, vehicles. Camera zooms into Mr. Bhairavnath Sharma’s
house.
Bhairavnath Sharma’s house scene.
Bhairavnath Sharma reading newspaper, His wife Malti Sharma cooking in
the kitchen and daughter Preeti Sharma helping her mother.
Suddenly, his son depressed Arun enters the drawing-cum-dining room
and asks his mother for breakfast.
अरुन
माँ मेरा नाश्ता ले आओ .... जल्दी।
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(Bhairavnath looks above his glasses and says in a loud and harsh voice)
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भैरवनाथ
और कब तक इस तरह मुफ्त का खाता रहेगा? इंजीनियरिंग किये हुए तुझे पांच साल हो
गए। कोई नौकरी नहीं। आखिर कब तक ऐसा चलता रहेगा? कुछ करेगा भी या नहीं?
खाली बोला मैकेनिकल इंजीनियरिंग पढूंगा। अब कहाँ है नौकरी?
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Malti enters the room and supports her husband.
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मालती
पड़ोस वाले अरोरा जी का बेटा भी इंजीनियरिंग कर के कुछ नहीं करता था। लेकिन वो
बैंगलोर जाके वहां एक कोर्स किया अब अच्छी नौकरी करता है। चार बार फॉरेन जा चुका
है। तेरा अगर कुछ नहीं होता तो तू भी बैंगलोर चला जा और कोई सॉफ्टवेयर कोर्स कर ले।
एक्सपीरियंस होने के बाद अच्छी जगह नौकरी मिल जाएगी।
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अरुन
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(In a low and depressed voice)
मुझे तो इंजीनियरिंग का “इ ” तक नहीं पता, सॉफ्टवेयर की तो बात ही छोड़ दो। इस लिए
तो बैंकिंग के लिए पढ़ाई कर रहा हूँ।
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भैरवनाथ
पर मैं तो तुझे कभी पढ़ते हुए नहीं देखता? सिर्फ किताब को देखने से पढ़ाई नहीं हो जाती।
लिखना पड़ता है, कुछ नोट करना पड़ता है। तू तो बस घर में इस कमरे से उस कमरे तक
घूमता रहता है। थोड़ा टी.वि. देख लेता है, थोड़ा सो जाता है। बस। इस तरह से जॉब
पाएगा?
हमारे ज़माने में मैंने कितना कुछ नहीं किया। पास में पढ़ने के लिए पैसे नहीं थे, फिर भी
कितनी मुश्किल से पढ़ाई करके आज एक सरकारी नौकरी किया है।
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अरुन
आपके ज़माने में आसानी से नौकरी मिलती थी। हर कोई कुछ न कुछ नौकरी कर ही लेता
था। कम्पटीशन कम था। 10,000 पोस्ट्स निकलते थे और अप्लाई करते थे सिर्फ
2000। जिसने भी 100 में से 30 रख के पास कर लिया, उसे नौकरी मिल जाती थी। पर
आज 1500 पोस्ट निकलते हैं बैंक के। अप्लाई करते हैं 1 करोड़ से भी ज्यादा।
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भैरवनाथ
(Very angrily)
तो फिर बच्चे नौकरी पाते कैसे हैं। मेरे ऑफिस में जितने भी लोग काम करते हैं, सबके
बच्चे कहीं न कहीं नौकरी करते हैं। चौधरी साब की बेटी चार-चार नौकरी करके छोड़ चुकी
है। हर बार उसे पहले से बेहतर नौकरी मिल जाती है। अब Rs. 50,000 कमाती है। नौकरी
करने के साथ-साथ पढाई भी करती है, ताकि इससे भी बेहतर नौकरी मिले।
हर कोई कोशिश कर रहा है। तू बस बैठकर दिन में सपने देखता है।
जब भी किसी ऑफिस स्टाफ या पेहचान वालों के बच्चों की नौकरी लगने की ख़बर सुनता
हूँ, मेरा सर शर्म से झूक जाता है।
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मालती
हमारे मरने के बाद तुझे कौन मुफ्त में खिलाएगा? कभी सोचा है?
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भैरवनाथ
ये ऐसे नहीं सुधरेगा। पहले कोशिश कर, फिर नहीं हुआ तो देखेंगे। देखते-देखते पांच साल
निकल गए। मेरा एक दोस्त है। उसका बेटा “स्टेट-लाइब्रेरी ” में जाकर हर दिन पढ़ाई
करता था। आज SBI में P.O. है। आज तुझे वहां ले जाता हूँ। वहां बहुत सारे बच्चे पढ़ रहे
होंगे, तू भी पढ़ेगा। यहाँ घर में तू टाइम वेस्ट कर रहा है।
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(After taking breakfast, Bhairavnath forcibly takes Arun with him to the
“State Library”. Both father-son go by Honda-Activa scooter to the library.
They reach the library.)
Library scene
(They ask at the enquiry)
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पूछताछ डेस्क व्यक्ति
सर, आपकी मैं क्या मदद कर सकता हूँ?
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भैरवनाथ
हमें लाइब्रेरी में पढ़ना है।
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पूछताछ डेस्क व्यक्ति
आपके पास लाइब्रेरी-कार्ड है?
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भैरवनाथ
नहीं।
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पूछताछ डेस्क व्यक्ति
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तो आपको लाइब्रेरी में एंट्री नहीं मिल सकती। बिना लाइब्रेरी-कार्ड के यहाँ कोई अल्लाउड़
नहीं है। आप एक काम कीजिये। आज ऑफिस में कोई आया नहीं है, आप कल आके
ऑफिस में बात कर लीजिये। वहां एक फॉर्म भरिये और एक हफ़्ते बाद आपको एक कार्ड
इशू हो जाएगी।
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भैरवनाथ
थैंक यू।
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(Arun looks at Bhairavnath and both return home.
Next day, Bhairavnath wakes Arun early)
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भैरवनाथ
ऐ उठ, आज तुझे लाइब्रेरी जाना है। याद है की नहीं?
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अरुन
हाँ, हाँ याद है।
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भैरवनाथ
आज मेरा कुछ काम है। मैं तुझे लेके जा नहीं पाऊंगा। खुद चले जाना। सीधे लाइब्रेरी
जाना। समझ में आया की नहीं?
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अरुन
हाँ।
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(Arun then leaves for library in his scooty pep)
Library scene
(Arun goes to the enquiry desk and asks the way for office)
अरुन
ऑफिस कहाँ है?
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(The enquiry person shows the way)
As Arun marches towards the office, he finds a big oil painting of the person
who has founded the library. Arun looks into the painting deeply and marks
things in it. Then goes inside the office. He finds a man talking over the
phone. So, Arun waits. The man non-verbally asks Arun to sit. Arun sits and
looks at the designation plate of the person on the table- A.K. Rao, Assistant
Librarian.
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ए.के.राओ
(over the phone)
हाँ। हाँ। मूर्ति 3 दिनों में डिलीवर हो जानी चाहिए। लाइब्रेरी के फाउंडेशन का दिन आ रहा
है। हाँ .... ठीक है......जी हाँ .....थैंक यू।
(A.K.Rao then looks at Arun)
हाँ! बोलो क्या हुआ?
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अरुन
सर, मुझे लाइब्रेरी-कार्ड के लिए अप्लाई करना है।
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(A.K.Rao gives Arun a form and Arun fills that and submits)
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ए.के.राओ
ठीक है, तुम्हारी कार्ड 1वीक के बाद मिल जाएगी। अगर अभी पढ़ना है तो कल अपना
वोटर आई कार्ड का एक ज़ेरॉक्स ले आना, मैं एक टेम्पररी पास 7 दिनों के लिए कर दूंगा।
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अरुन
थैंक यू सर।
सर, एक बात पूछनी थी। वहां बाहर एक पेंटिंग है, वो कब बनवाई थी और उसकी कीमत
क्या है?
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ए.के.राओ
वो 25 साल पहले लायी गयी थी। हमारे 4th फाउंडेशन डे में। 1लाख का कॉस्ट था। वैसी
एक और बनाना चाहते हैं, हॉल नंबर.1 के लिए।
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अरुन
सर, मैं भी पेंटिंग करता हूँ। वैसी बना सकता हूँ, वो भी 70,000 में।
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(Arun then shows his paintings in his mobile phone. A.K.Rao becomes
astonished by seeing the paintings and highly praises Arun.)
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ए.के.राओ
वाह! क्या बनाते हो। अदभुत। दिल खुश हो गया। क्या टैलेंट पाया है। जब भी पेंटिंग की
बात ऑफिस वाले कहेंगे, मैं तुम्हारे बारे में बताऊंगा। तुम ही पेंटिंग बनाओगे।
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अरुन
धन्यवाद सर, ठीक है मैं कल आ जाऊंगा, टेम्पररी पास के लिए।
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ए.के.राओ
ठीक है, तुमसे मिलके अच्छा लगा।
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(Arun leaves and reaches home)
Market Scene
(Bhairavnath meets his friend Aloknath)
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आलोकनाथ
अरे भैरव, कैसा है? तेरे बेटे को नौकरी मिली?
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भैरवनाथ
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नहीं,फिल्हाल तैयारी कर रहा है। और तू बता।
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आलोकनाथ
मेरा सब ठीक है। मेरे बेटे का MBBS ख़तम हो गया है। अभी एक प्रोफेसर के अंडर में
प्रैक्टिस कर रहा है।जल्द ही डॉक्टर बन जाएगा। अभी मुंबई के लीलावती हॉस्पिटल में
है।
बस बच्चे अपने काम में लग जाएं, हमें और क्या चाहिए?
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(Bhairavnath becomes very sad)
भैरवनाथ
ठीक है मैं अभी चलता हूँ, बहुत काम है। ऑफिस भी जाना है।
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आलोकनाथ
ठीक है। अरून को बोलना, जम कर पढाई करे, अभी IBPS के 1000 पोस्ट निकलने वाले
हैं।
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(Bhairavnath reaches home and discusses the incident with Malti)
भैरवनाथ
मालती, आज आलोकनाथ से मिला। उसके बेटे ने MBBS कम्पलीट कर लिया है।
लीलावती हॉस्पिटल, मुंबई में प्रैक्टिस कर रहा है। मेरा सर तो शर्म से झूक गया। अरून के
बारे में पूछ रहा था। क्या जवाब देता उसे? बस केह दिया प्रिपरेशन कर रहा है।
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मालती
आखिर कब तक इसकी वजह से हमें लोगों के सामने छोटा होकर रहना पड़ेगा। मैं अब
किसी से मिलने भी नहीं जाती, हर कोई अरून के नौकरी के बारे में पूछता है।
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(Bhairavnath sees Arun)
भैरवनाथ
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नजाने कितनी बार इसे समझाया है, की मेडिकल पढ़ ...मेडिकल पढ़। लेकिन नहीं। इन्हें
तो इंजीनियर बनना था। अरे एक डॉक्टर की समाज में क्या एहमियत होती है पता है?
लोग भगवान मानते हैं, भगवान।लेकिन इस नालायक को समझाके क्या फायदा ?
आज लाइब्रेरी गया था?
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अरुन
हाँ, 7दिन बाद कार्ड मिलेगी। कल टेम्पररी पास मिलेगा 7 दिनों के लिए।
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(Next day Arun reaches library office where he finds an extraordinarily
beautiful and modern girl with her father who had come for the same
purpose)
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ए.के.राओ
आओ अरून, Mr. मेहता ये है अरून, ये एक जीनियस पेंटर है।
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अरुन
सर , ये मेरा वोटर कार्ड का ज़ेरॉक्स .
(A.k.Rao takes the paper and puts a stamp.)
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ए.के.राओ
ये लो,आज से जब भी लाइब्रेरी आओगे इसे साथ लाना। 7 दिनों तक इसे गेट पर दिखाके
हॉल में जा सकते हो। उसके बाद मुझसे परमानेंट पास ले लेना।
अच्छा अपने वो पेंटिंग्स तो दिखाना,सर भी देखेंगे।
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(Arun takes out his mobile phone and shows his paintings to Mr. Mehta. Mr.
Mehta becomes very surprised by Arun’s talent while his daughter Alia gets
involved in the paintings.
Mr. Mehta praises Arun and taps his shoulders.
Arun then leaves to the hall to look through some books.
Alia too enters the same hall after some time and sits at a place which was
front to Arun.
Arun feels uneasy to see such a beautiful girl sitting in front of her.)
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(In the night, Arun thinks about Alia and, also Alia thinks about Arun and
his paintings.
Next day Arun reaches the library and Alia comes again and sits in front of
Arun on the opposite side of the table. This time closer. Arun becomes very
nervous.
Alia then watches Arun from the top of her book repeatedly and many
times Arun catches her. Alia then gathers courage and goes to Arun.
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आलिया
क्या मैं यहां बैठ सकती हूँ?
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(Arun becomes shocked and his heart beats faster)
अरुन
जी हाँ, बैठिये।
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(Alia then sits nearer to Arun and after some time looks at Arun sidewise
and blushes. Then both look at each other.)
आलिया
मेरा नाम आलिया है।
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अरुन
(In a nervous tone)
जी कहिये।
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आलिया
आप कल वहां ऑफिस में जो पेंटिंग्स दिखा रहे थे, वो बहुत सुन्दर थे। क्या मैं आपसे कुछ
और जान सकती हूँ?
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अरुन
जी फ़रमाइए, क्या जानना चाहतीं हैं आप?
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आलिया
क्या आपके पेंटिंग्स में जो कुछ नेकेड पेंटिंग्स थे, उनके मॉडल्स असली थे?
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अरुन
नहीं, वो तो मैंने इंटरनेट से देखकर बनाया है, पर कुछ असली हैं।
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(Alia goes in thinking mode)
आलिया
मतलब आपने उन्हें सामने देखकर बनाया है? टाइटैनिक की तरह?
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अरुन
नहीं,सिर्फ फोटो देख कर।
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आलिया
ओह! मेरी एक पेंटिंग बनाएंगे?
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अरुन
ज़रूर।
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आलिया
ये मेरे कुछ फोटोज हैं ।इन्हें अपने पास रखिये और स्टडी कीजिये। मैं बाद में कौनसा
बनाना है बताउंगी।
(Then Alia shares her photos by bluetooth)
आपका नंबर दीजिये।
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अरुन
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मैं मोबाइल ज़्यादा इस्तेमाल नहीं करता। इ-मेल ले लीजिये।
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(Both then exchange e-mails. Suddenly the librarian shouts)
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लाइब्रेरियन
इतना शोर क्यों है वहां?
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आलिया
क्या हम बाहर चलकर बात करें?
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अरुन
चलिए।
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(Both of them go out of the library. All the people in the hall look at them.
Many boys whisper among each other about the beauty of Alia and how she
can be with a below-average looking guy like Arun.
Both then find a lonely place outside the library building, inside the
campus)
आलिया
आप कैसे इतने नायब जज़्बात अपने पेंटिंग्स के नायिकाओं के चेहरे में ले आते हैं?
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अरुन
आपकी आत्मा, आपके हाथों के साथ काम करनी चाहिए। यों समझ लीजिये की नायब
जज़्बात के लिए नायब प्रेरणा चाहिए।
चित्रों में चेहरे, चेहरों में जज़्बात अपने अपने।
एक ही धागे में पिरोया, सारे सुहाने सपने।।
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आलिया
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(Smiles)
क्या इसे आपने लिखा है?
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अरुन
हाँ
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आलिया
आप तो लिखते भी बहुत खूब हैं। खैर आपने ज़्यादातर फीमेल पेंटिंग्स ही बनाये हैं। ऐसा
क्यों?
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अरुन
सभी पशु-पक्षियों में पुरुष ही सुन्दर होता है। लेकिन मनुष्यों में औरत। एक कलाकार तो
हमेशा सुंदरता को अपने कला में दिखाना चाहता है। तो वो क्या करे? ईश्वर ने सौंदर्य
व्यवस्ता ही ऐसी बनायी है। बस कलाकार को सही प्रेरणा चाहिए।
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आलिया
तो आपकी प्रेरणा बनने के लिए क्या करना चाहिए?
(Alia blushes while she says this. Keeps her eyes down)
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अरुन
“फ्रायल्टी, दाए नेम इस वोमन ”। बस विलियम शेक्सपियर की इस बात को शीर्ष तक
निभाना है।
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आलिया
अच्छा तो मैं चलती हूँ। बाई!
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अरुन
नमस्कार।
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(When they leave, they find that many students who have come to the
library are staring at them from everywhere.
Arun sees her photo all the time after he reaches home, in the night too he
can’t sleep looking at the photos. Same with Alia, she remembers
everything that has happened today.)
Alia sends her photo by email to Arun in which she is half-naked. Arun
becomes mad after looking to it.
Next day.
Outside the library scene.
Alia comes in a simple traditional Indian dress (salwar). Arun becomes
surprised.
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आलिया
हाई ! कल आपको मेरी तस्वीर मिली? मैंने इ-मेल किया था।
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(Arun scratches his head)
अरुन
हाँ.... मैं .... पर....वो तो हाफ-नेकेड तस्वीर थी।
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(Alia looks into Arun’s eyes)
आलिया
हाँ..... मैं आपकी प्रेरणा बनना चाहती हूँ।
(Arun cannot look into her eyes)
अच्छा मैं एक बात पूछूं?
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अरुन
जी।
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आलिया
क्या आपकी कोई गर्लफ्रेंड है?
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अरुन
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नहीं।
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आलिया
पहले कोई थी?
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अरुन
नहीं।
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आलिया
पर लडकियां तो मरती होंगी!
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अरुन
हाँ, ........ ऐसा ही कुछ।
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आलिया
तो कैसे नहीं है कोई गर्लफ्रेंड?
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अरुन
बस नहीं है।
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आलिया
अच्छा, कोई शायरी सुनाईये।
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अरुन
किस विषय पर?
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आलिया
प्यार, मोहब्बत पर।
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अरुन
चल चलें आसमा के पार
नीले चाँद से बात होगी।
आलम में शुभ्र चांदनी
दूर दूर तक क़ायनात होगी।।
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आलिया
वाह! क्या बात है।
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अरुन
जब साथ में हो हसीना तो उमड़ते जज़्बात हैं।
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(Alia blushes)
आलिया
कुछ इसी तरह और सुनाइये न।
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अरुन
तेरी आँखों में जैसे खो गया मैं।
खुदा जाने कब तेरा हो गया मैं।।
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(Alia couldn’t control herself and kisses Arun’s cheek)
आलिया
वह! क्या लिखते हैं आप।
(A current flows through Arun’s body)
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कुछ और डिफरेंट सुनाइये, मतलब ब्यूटी से रिलेटेड।
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अरुन
मतलब श्रृंगार रस?
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आलिया
श्रृंगार रस ! वो क्या होता है?
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अरुन
ब्यूटी को ग्लोरिफ़ाई या अप्प्रेसिअट करने वाली शायरी।
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आलिया
इर्शाद।
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अरुन
तन है तेरा जैसे सितार
बजादूं तारों से राग श्रृंगार।
लावण्य से भरा यौवन तेरा
चंदन वन में झर-झर मल्हार।।
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(Alia cannot control herself once again and kisses on Arun’s cheeks 2
times)
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अरुन
मैं चलता हूँ, मुझे देर हो रही है।
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आलिया
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अभी ना जाओ छोड़ कर ये दिल अभी भरा नहीं।
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(Both laugh)
अरुन
कल इंतज़ाम कर देंगे।
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आलिया
एक सवाल है। मैं आप के लिए क्या हूँ?
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अरुन
सिर्फ एक प्रेरणा।
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(Both leave for their homes)
Arun and Alia have entered 1st stage of love. All the time they think of each
other. Arun writes a poem on her.
Alia sends again her photo to Arun by email, this time lesser dress on her
body.
Next day they again meet outside the library.
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आलिया
हाई ! कैसे हैं? मैंने आपको कल अपनी एक और तस्वीर इ-मेल किया था। देखि आपने?
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अरुन
हाँ.......पर ये तो पहले से भी कहीं ज़्यादा खतरनाक तस्वीर थी।
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आलिया
मुझे यही तस्वीर की एक स्केच चाहिए, और इससे पहले वाले की भी। मैं आपकी श्रृंगार
रस वाली प्रेरणा बनना चाहती हूँ।
(two minutes silence)
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कहीं ऐसी जगह चलें जहाँ मैं और आप होंगे। यहाँ बहुत शोर शराबा है, कैसे लोग हमें घूर
रहे हैं।
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अरुन
धौली-गिरी चलें?
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आलिया
ठीक है।मेरी गाड़ी में चलते हैं।
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अरुन
नहीं, दोनों अपनी अपनी गाड़ियों में चलते हैं। मुझे वहां से घर पास पड़ेगा तो मैं चला
जाऊँगा।
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आलिया
ठीक है।
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(Alia goes in her Mercedes and Arun in his scooty-pep). They reach the
place. The place was quiet and peaceful and no one was there to disturb
them now.
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आलिया
मैं यहाँ कभी नहीं आई। बहुत अच्छी जगह है। क्या यह एक मंदिर है?
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अरुन
आप भुबनेश्वर में ही रहती हैं ना? कभी नहीं आई यहाँ पर?
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आलिया
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मैं दिल्ली से हूँ। यहाँ मेरे मामाजी रहते हैं। मैं USA में MBA कर रही हूँ। मुझे यहाँ के बारे
में इतना नहीं पता।
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अरुन
ओह! .... ये धौली-गिरी है। यहाँ गौतम बुद्ध का मंदिर है। इस जगह कलिंग-मगध का
युद्ध हुआ था। ये जो सुन्दर सी दया-नदी देख रहीं हैं, ये उस वक़्त खून से लाल हो गयी
थी।
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(Both then go to see the entire monument and Arun explains Buddha’s life
which was depicted on the monument. Both then sit under a tree at a quiet
place. No one was there to disturb them. Then Arun shows her some step
wise photos of a painting, how he makes them. He shows how he uses
mathematics in his every painting like Leonardo da vinci. Alia becomes
speechless after seeing the great mathematics and praises Arun)
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आलिया
मुझे तो पता ही नहीं था की पेंटिंग्स में इतना मैथमेटिक्स भी यूज़ होता है। ग्रेट।
अच्छा, मुझे श्रृंगार रस बहुत अच्छा लगता है। कुछ वैसा सुनाइए, बहुत मन कर रहा है।
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अरुन
बाहर शीतलहर संग वर्षा रिम झिम
अंदर देह सुख की सीमा अंतिम।
काम तरंग से सुदर्शना मदहोश
कभी ना थमती इश्क़-इ-सरफ़रोश।।
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(Alia becomes uncontrollable. Feels very excited and aroused)
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अरुन
जिस्म हुआ जिस्म में विलीन
चुम-चूम कर पिघलती आफरीन।
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पुष्प सेज पर मख़मली तन चादर
काम सिंधु में सब कुछ लीन।।
तेरे देह की गोलाईयों में उलझकर, हुआ मैं अंधा
तन छिद्रों से तू सुगंधा।
रक्त-कणों की कामुक लश्कर
इश्क़े-हवन से बह गयी रस गंगा।।
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(Alia cannot control herself and hugs Arun and then kisses his chest and
cheeks. She becomes his fan)
आलिया
ये जो आपने लिखा है, क्या ये सब सच में हुआ है?
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अरुन
हाँ, बहुत बार हुआ है। बहुत लोगों ने ऑफर किया है।
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आलिया
तो अपने क्या किया?
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अरुन
कुछ नहीं, बस मना कर के चला आया।
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आलिया
आपके तो नजाने कितने चाहने वाले होंगे। जिनमे मैं भी शामिल हूँ। मेरा कोई बॉयफ्रेंड
नहीं रहा है क्योंकि मुझे आज तक कोई अच्छा ही नहीं लगा। क्या मैं अब भी सिर्फ आपकी
प्रेरणा हूँ? और कुछ नहीं?
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(Arun feels that he is unfit for Alia because he has no career)
अरुन
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जी हाँ, सिर्फ प्रेरणा।
.............................
(Alia becomes sad)
आलिया
कोई बात नहीं। मैं इतने से भी खुश हूँ। हर किसी के नसीब में अम्रित नहीं होता। अच्छा,
अगर आप मुझे प्रेरणा के रूप में देखते हैं, तो क्या आपने मेरे लिए कोई शायरी लिखी है?
.............................
अरुन
जी हाँ, एक पूरी कविता लिखा हूँ, शीर्षक है : लाइब्रेरी वाली हसीना
(Alia smiles and bites her lips)
Arun continues.......
लाइब्रेरी वाली हसीना
किताब के ऊपर से मुझे चुप चुप कर देखना
पकड़े जाने पर शर्माना
फिर मेरे आँखों में उसका यूँ खो जाना
फ़ना थी मुझमे वो लाइब्रेरी वाली हसीना
वक़्त गुजरते हिम्मत का बढ़ना
धीरे धीरे मेरे करीब आना
मेरे चित्रों से उसपर सिहरन चढ़ना
फ़ना थी मुझमे वो लाइब्रेरी वाली हसीना
बीच बीच में मेरा शायर हो जाना
उसके दिल को मयस्सर हो जाना
मुझमे टूटने का ढूंढ़ती थी वो बहाना
फ़ना थी मुझमे वो लाइब्रेरी वाली हसीना
दिखाती थी मुझे श्रृंगार का सपना
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ओह! अदाओं का वो अफ़साना
पल पल मेरा मर जाना
फ़ना थी मुझमे वो लाइब्रेरी वाली हसीना
लाइब्रेरी में कुछ रोमाँचित पलों का फ़साना
जैसे रेगिस्तान में पानी का होना
बाहों में भर भर के मुझे तड़पाना
फ़ना थी मुझमे वो लाइब्रेरी वाली हसीना
फ़ना थी मुझमे वो लाइब्रेरी वाली हसीना
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Alia then kisses Arun’s face many times repeatedly and hugs him. Then
asks about Arun’s life.
.............................
आलिया
आई ऍम इम्प्रेस्सड। आप तो मार ही डालेंगे।
अच्छा अपने बारे में कुछ बताइये। आपने कभी नहीं बताया। मैं जानना चाहती हूँ।
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अरुन
मेरी जिंदगी कुछ ख़ास नहीं है।
(Arun goes to flashback)
FLASBACK STARTS
10th तक सही रहा। +2 में माँ-बाप चाहते थे की मैं डॉक्टर बनु। जबरदस्ती मुझे एक
कॉलेज में एडमिशन दिला दिया जिसे इस शहर में सबसे अच्छी कॉलेज मानते हैं। पर मुझे
वहां पढ़ने का कोई शौक नहीं था। मुझे किसी सीबीएसई स्कूल में पढ़ना था और
इंजीनियर बनना था।
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उस कॉलेज में जब मैं एडमिशन लेने गया तो वहां के प्रिंसिपल ने एक भाषण दिया था।
प्रिंसिपल ने कहा था की “माँ -बाप ’लिविंग गॉड्स ’ होते हैं। उनको दिन में 2 बार पैर छू
कर प्रणाम करना चाहिए। आपके पूर्वजों ने कुछ पुण्य किया होगा जिस वजह से आपका
बेटा इस कॉलेज में एडमिशन ले रहा है।”
मेरे बाप ने इसे सच मान लिया। उनका बचपन कुछ अच्छा नहीं था। उनके माँ-बाप
मेहनत-मज़दूरी करते थे। तो जब हमारे लोग प्रशंशा सुनते हैं, तो उनके पंख लग जाते हैं।
पिताजी सबके सामने दिखावा करते थे। जिस किसी से भी बात करते थे, मेरे मनहूस
कॉलेज का नाम ज़रूर लेते थे। और अहंकार से उनके आँखों में देखते थे। कहीं उसने
इनको महान तो नहीं समझ लिया! हा..हा.. ..मुझे जबरदस्ती अपना पैर छूने को कहते थे,
नहीं छूने पर मारते थे। मुझे इसलिए न चाहते हुए भी दिन में 2 बार उनके पैर छूने पड़ते
थे। थोड़ी देर हो जाने पर बार -बार याद दिलाते थे।
जबरदस्ती बायोलॉजी दे दिया ताकि मुझे डॉक्टर बना सकें क्योंकि उनकी नज़र में IIT में
सिर्फ कंप्यूटर -साइंस होता है। इंजीनियरिंग सिर्फ गधे पढ़ते हैं। जो टैलेंटेड स्टूडेंट्स होते
हैं वो मेडिकल पढ़ते हैं। डॉक्टर को लोग भगवान मानते हैं। इस लिए अगर मैं डॉक्टर बन
जाता, तो लोग मुझे भगवान बना देते और पिताजी को और भी बड़ा भगवान।
पेंटिंग करने, फुटबॉल खेलने पर तो क्लास 7th से ही पाबंदी थी। +2 आते आते
मैथमेटिक्स पढ़ने पर पाबन्दी हो गई, क्यों की मेडिकल एंट्रेंस में मैथमेटिक्स नहीं आता।
मैं फ़ैल होना चाहता था। पिताजी ने कहा की अगर 60% लेके पास हो गया तो IIT की
कोचिंग 1 साल के लिए लेगा। भगवान की एक तस्वीर के पीछे लिखा की “ आज से
मेडिकल के बारे में नहीं कहूंगा” और सिग्नेचर किया था। तब मैं उनकी बातों में आ गया
और 60% मार्क्स लाके पास हो गया। लेकिन पिताजी ने उसके बाद अपनी बात बदलदी।
कहा की मेडिकल के लिए अगर 1 साल रुकेगा तो ठीक है लेकिन इंजीनियरिंग के लिए
चांस नहीं है।
मैंने जान-बुझ कर सारे एंट्रांसेस ख़राब कर दिए ताकि मुझे किसी भी कॉलेज में सीट न
मिले और मुझे 1 साल रुकना पड़े। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मेरे ही वक़्त ओडिशा में बहुत
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सारे प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजेस खुल गए, इतना की जिन जिन लोगों ने एंट्रेंस फॉर्म
भरा था, सबको सीट मिल गई। बहुत सारे सीट्स खाली भी रहे। तो मुझे भी एक फालतू
इंजीनियरिंग कॉलेज में सीट मिल गई। मैंने बहुत समझाया की ऐसे सिर्फ डिग्री हासिल
कर लेने से आगे नौकरी नहीं मिलेगी। मैं आगे कुछ नहीं कर पाउँगा। लेकिन पिताजी ने
मना कर दिया और कहा “तुझे नौकरी की चिंता अब से क्यों होने लगी है, तू नौकरी क्या
करेगा? हमें नौकरी नहीं चाहिए। 4 साल बाद बात-चित होगी, मुझे कुछ नहीं पता।“
मैं और क्या कर सकता था? उस बेकार से कॉलेज में 4 साल बिता दिए। वहां सब के सब
मुर्ख। टीचर्स भी सारे मुर्ख। किसी को कुछ नहीं आता था। बस नाम का कॉलेज चलता था।
मुझे लगा इससे ज़्यादा बुरा मेरे साथ और क्या हो सकता है। हमारे कॉलेज से कुछ ही दूर
IIT और NISER थे , बहुत दुःख होता था।
आज पांच साल हो गए इंजीनियरिंग पास किये हुए। कोई नौकरी नहीं, करियर अन्धकार
में चला गया।
पिताजी उल्टा पूछते हैं की नौकरी कहाँ है, अपना डायलाग सब भूल गए। जब याद
दिलाता हूँ तो कहते हैं,‘वो समय तो चला गया अब क्या करेगा?’ मैं क्या कर सकता हूँ?
बैंकिंग जॉब करके हर दिन बैल की तरह फॉर्म फील-अप नहीं कर सकता। पिताजी को इस
बात की चिंता नहीं हे की मैं नौकरी नहीं करता, बल्कि उनको अपना अहंकार दूसरों के
सामने नस्ट होता देख कर बर्दास्त नहीं होता। अपने भगवान होने और अपने पूर्वजों के
पुण्य कमाने वाले सर्टिफिकेट्स न मिलने के कारण वो पागल हो गए हैं। आज कल मेरा
डायलाग मुझे ही मारते हैं।
मेरी माँ ने भी उनका भरपूर साथ दिया। उसने +2 में मुझे कहा था की अगर उस कॉलेज से
मैं बायोलॉजी लेकर 60% से पास हो जाता हूँ तो मैं उसके पैदा करने के ऋण को भी चुका
दूंगा। हिंदी सेरिअल्स का डायलाग मारा था।
दोनों अपनी गलती छुपाने के लिए मेरे भाग्य को दोष देते हैं। कहते हैं, ”तेरे भाग्य ने तुझे
उस ओर खींचा, हमने कुछ नहीं किया।”
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मैं इंजीनियरिंग केआखिर साल में कुछ दोस्तों के पास, जहाँ वो किराये पे रहते थे, वहां
जाकर पेंटिंग करता था और उन पेंटिंग्स को बेच देता था। अच्छी कमाई होने पर आज
अपना एक कमरा किराये पे लेके वहां पेंटिंग करता हूँ।
FLASHBACK ENDS
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आलिया
आपके साथ तो बहुत बुरा हुआ। माँ-बाप आज कल अपनी इच्छाएं अपने बच्चों के ऊपर
जबरदस्ती लाद देते हैं। मैं इस मामले में लकी हूँ, मेरे साथ ऐसा नहीं हुआ।
लेकिन अब आपके पेंटिंग्स देखकर घरवाले क्या कहते हैं?
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अरुन
मैंने इस बारे में उन्हें कुछ नहीं बताया है। अगर बता देता तो वो इसे भी बंद कर देते। सिर्फ
अपनी सुप्रीमेसी दिखाने के लिए।
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आलिया
इतने सारे पेंटिंग्स फिर आपने कैसे बनाये, टाइम कैसे एडजस्ट करते हैं?
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अरुन
मुझे धीरे-धीरे ऑर्डर्स मिलते गए और मैं बनाता गया। घर में बोलता था की मैं बैंकिंग
कोचिंग जा रहा हूँ, जबकि मैं पेंटिंग बनाने जाता था।
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आलिया
ये इतनी सारी लड़कियां और औरतें कैसे कांटेक्ट में आईं?
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अरुन
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लोग पेंटिंग्स अपने घर की सजावट के लिए खरीदते हैं, और औरतें ये काम ज़्यादातर
करतीं हैं। पुरुष अपने पेंटिंग्स नहीं बनवाते, वो अपनी गर्लफ्रेंड या पत्नी के बनवाते हैं।
लेकिन औरतें सिर्फ अपनी ही बनवाते हैं। तो इस तरह ज़्यादातर फीमेल्स कॉन्टेक्ट्स में
आई और मैंने ज़्यादातर फीमेल्स के पेंटिंग्स बनायीं हैं।
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आलिया
नेकेड पेंटिंग्स के ऑर्डर्स कैसे मिले?
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अरुन
FLASHBACK STARTS
पहले मैं इंटरनेट से देखकर बनाता था। फिर उनमे से न्यूड पेंटिंग्स ज़्यादा बिकने लगीं।
फिर बाद में कुछ महिलाओं ने अपने अपने न्यूड पेंटिंग्स के आर्डर दिए। बहुत हाई-फाई
लोग होते हैं ये सब, इनके लिए ये सिर्फ आर्ट हैं। उसके बाद ये और ज़्यादा बढ़ गया। फिर
बहुत सारी लड़कियां और इवन शादी-शुदा औरतों ने घर बुलाके लाइव नेकेड भी दिखा
दिया।
FLASHBACK ENDS
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आलिया
बहुत इरोटिक मूड में होंगी सब।
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अरुन
हाँ, नेकेड होकर लुभाने की कोशिश करते हैं, नंगा-नाच भी दिखाते हैं। कभी कभी तो ग्रुप
में भी। पर मुझे डर लगता है, ख़राब भी लगता है और मैं मना कर के चला आता हूँ।
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आलिया
अब तक कितनो को ऐसे हाल में यानि न्यूड देख चुके हैं?
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अरुन
200 से ज़्यादा, उसके बाद मैंने गिनना बंद कर दिया।
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(Alia raises her brows in surprise)
आलिया
क्या आपने अपनी शायरी भी सुनाई थी?
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अरुन
हाँ।
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आलिया
तभी तो, एक तो पेंटिंग्स, उस पे शायरी। अलग तरह का अट्रैक्शन। होश तो खोना ही था।
फिर कितना यकीन करती हैं सब आप पर की अपने नेकेड फोटोज आपको दे देती हैं। कोई
मिसयूज का डर भी नहीं।
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(Both of them talk for a long time and it becomes evening. They watch the
light and sound show there of the monument and Alia was very happy to
watch that. Then they leave. For 10 days they only talk over phone. Alia was
very busy hence, they couldn’t meet.
.............................
(After 10 days Alia over telephone)
आलिया
आज मिलते हैं, धौली में ......नहीं आज मैं आपके पेंटिंग-स्टूडियो देखना चाहती हूँ।
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अरुन
ठीक है ,मास्टर-कैंटीन में जो रेलवे-स्टेशन का गेट है वहां आ जाइये। वहां से चलेंगे।
.............................
आलिया
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ठीक है, आधे घंटे में पहुँचती हूँ।
.............................
(Alia comes and Arun takes her to his rented room where he makes his
paintings. Alia enters the room and finds many high-class paintings and is
mesmerized. Becomes very happy and hugs Arun. Then they spent some
time talking about the paintings, and leave)
After 5 days Alia telephones Arun
.............................
आलिया
आज मैं वापस जा रही हूँ, आपसे मिलना है। एयरपोर्ट आओ।
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(Arun suddenly leaves for the airport.
They meet and Arun handovers the two sketches to Alia which she had
ordered.)
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अरुन
ये लीजिये आपकी अमानत।
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(Alia sees her 2 sketches along with an acrylic painting of her. She becomes
very emotional and tightly hugs Arun.
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आलिया
आई ऍम वैरी हैप्पी। आपने बहुत अच्छा बनाया है।
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अरुन
धन्यवाद।
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आलिया
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आज मैं जा रही हूँ,यहाँ से मुंबई और वहां से USA। शायद हम भविष्य में आगे कभी नहीं
मिलेंगे। आपके साथ गुज़ारा हर एक पल मेरे लिए स्वर्ग के एहसास से कम नहीं था।
आपने मेरे जिंदगी में एक नया डायमेंशन जोड़ दिया है। मैं बहुत मिस करुँगी।
.............................
अरुन
मैं भी।
.............................
आलिया
(Slightly smiles)
खैर मैं तो आपके लिए सिर्फ एक प्रेरणा ही बन पाई। शायद मेरे किशमत में बस इतना ही
था। पर मैं इतने से भी खुश हूँ।
जब भी आप चित्र बनाएंगे या कविता लिखेंगे, तो उसका थोड़ा सा क्रेडिट मुझे भी जायेगा।
आपकी प्रेरणाओं में मैं भी रहूंगी। आज जो चित्र मेरे आपने बनाये हैं, उसे कल दुनिया
देखेगी और आपके कई फैंस होंगे। और आपके चित्रों और गीतों के ज़रिए मैं भी अमर हो
जाउंगी।
आपके जिंदगी में आज मैं एक छोटी सी प्रेरणा बनके आई लेकिन कल यही लाखों को
प्रेरणा देगी। दुनिया आपकी नज़रों से सुंदरता को देखेगी और इश्क़ करना सीखेगी।
अगर मेरी याद आई तो मैं आपको अपने तसवीरें और वीडियोस भेजूंगी। श्रृंगार रस वाले
..............................अपने यौवन के अलग अलग पलों में। और आपके दिल के एक छोटे से
हिस्से में हमेशा के लिए रह जाउंगी ........................
प्रेरणा की तरह ......................
वो लाइब्रेरी वाली हसीना बनकर ................
.............................
(Announcement related the flight occurs.)
Alia then hugs Arun tightly and cries badly. Kisses Arun’s face many times
and leaves.
Arun out of frustration about his career and future, keeps silence.
The aeroplane flies away and Arun walks towards the gate with his head
and shoulders down. Snapshots of moments with Alia flashes in his mind.
Background sound is played as follows which says the last stanza of the
poem:
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वो आई थी जैसे प्रेरणा
समाई मुझमे करके बहाना
पर एक दिन परदेशी परिंदों को है वापस जाना
फ़ना थी मुझमे वो लाइब्रेरी वाली हसीना
फ़ना थी मुझमे वो लाइब्रेरी वाली हसीना
.............................
3 years pass
Up to now they have only talked over telephone, email and Alia sends her
photos and videos to Arun regularly in a gap of 2 months.
One day Alia sends one of her photos in which she is dressed like a
princess, sitting on a couch. Arun sees that, becomes inspired and makes
his life’s best painting. A very big and huge oil painting of a wall size. He
then sends the painting for auction in USA. Alia accidentally visits the
exhibition and finds her painting which gets the best painting award in the
exhibition and is sold for 7 million USD in the auction. An old lady by
chance recognizes Alia by comparing her with the painting and like fire in
the forest, everyone in the auction recognizes her. She poses beside the
painting on a journalist’s request and next day she becomes famous in the
country.
Alia tries to contact Arun from the day of the auction but Arun had gone to
his village for some purpose where there was no mobile network and
internet. But Arun gets the news of the auction from a T.V. showroom near
his village which he once visits.
Alia calls everyday but couldn’t contact him. After 15 days, Arun returns to
Bhubaneswar and reads several e-mails of Alia and calls her.
At that time Alia was in Bhubaneswar and they meet again at Dhauli-giri.
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आलिया
अब तो आपकी करियर बन चुकी है। तो अब क्या कहते हो?
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अरुन
क्या कहना! आगे और पेंटिंग्स बनाऊंगा, अब यही अपना करियर है।
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आलिया
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शादी कभी करोगे की नहीं?
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अरुन
हाँ, देखते हैं।
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आलिया
कोई है जिसे चाहते हो?
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अरुन
हाँ।
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आलिया
कौन है वो?
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अरुन
और कौन होगी ...
तुमसे मिलने के बाद
किसी और से दिल मिला ना पाए
देखकर वो हसीन चेहरा तुम्हारा
आज तक हम भुला ना पाए
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Alia then jumps onto Arun. Both hug and kiss each other, then decide to get
married. Alia goes back to USA, tells her family and all get agreed.
In Bhubaneswar, Arun’s parents are unknown about Arun’s wealth. Arun
buys a new house without informing anyone.
One day Bhairavnath says Arun to touch his feet as Arun was going
somewhere in the morning.
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भैरवनाथ
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अरुन, वेयर आर यू गोइंग? हैव यू टच्ड माय फ़ीट एंड टेकेन आशीर्वाद?
.............................
अरुन
नो, आई डोंट नीड इट।
.............................
(Bhairavnath then beats Arun)
भैरवनाथ
अगर तुझे इस घर में रहना है तो मेरे पैर पकड़ कर आशीर्वाद लेना पडेगा।
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( Malti arrives )
मालती
पैर पकड़ या फिर चला जा यहाँ से। तेरे लिए इस घर में कोई जगह नहीं है। हमें ऐसा माँ-
बाप का अपमान करने वाला बेटा नहीं चाहिए। तू मर गया हमारे लिए।
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अरुन
जैसा आप कहें, आज से मैं आप के लिए मर गया।
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(Arun leaves and goes to his newly purchased house. Arun feels like
liberated and free like a flying bird now. Alia returns India and both get
married to each other.
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Shuhaag-raat scene:
Alia is sitting on the bed decorated with roses. Arun enters the room. Sits
on the bed. Both become nervous. Then Arun takes up Alia’s “Ghoonghat”
and stares at her face.
अरुन
मुख सुदर्शन, जिस्म से सुवर्णा
मुझ जैसे चित्रकर और शायर की प्रेरणा
लब गुलाबी नयन कातिल
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स्वर्ग से जैसे, कोई अप्सरा हासिल
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Alia reclines her head on Arun’s shoulder and both hug each other. Arun
switches off the lights.
Scene ends
Sea-beach scene:
After 5 years, Arun and Alia are seen with their 2-years old daughter in a
Sea-beach.
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आलिया
(Looking towards the ocean)
देखो कितना सुन्दर नज़ारा है।
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(Arun stares at Alia)
अरुन
देख रहा हूँ।
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आलिया
अरे मुझे नहीं, उधर उस नीले समंदर को।
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अरुन
मैं तुम्हारी नीली आँखों में समंदर देख रहा हूँ।
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आलिया
(Alia blushes)
आज तो बड़े रोमैंटिक हो रहे हो!
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आलिया
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सिर्फ आज नहीं, जबसे तुम्हे देखा है।
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(Arun holds Alia’s hand)
आलिया
छोडो मेरा हाथ, कोई देख लेगा।
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अरुन
ये हाथ जिंदगी भर थामे रहूंगा।
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आलिया
तुम पागल हो गए हो।
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अरुन
हाँ, तुम्हारे इश्क़ में .......
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Arun then hugs alia and the story ends.
By Ritwik Das
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