GhazalBy Murtaza Ansari आओ बैठो मेरी कुछ बात अभी बाकी है इस खामोश शख्स की आवाज़ अभी बाकी है ऐ काश यहाँ पर होता कोई अपना मेरा मेरे अपनों की मेरे...
हबीब कोई।।...By Abhimanyu Bakshi आसमान को दिखाया है मैंने उसका रक़ीब कोई, बदलता है मौसम जैसे यहाँ पर हबीब कोई। उसे नई ख़ुश्बूओं से मिले फ़ुरसत, मैं...
कब होगी।।...By Abhimanyu Bakshi मौसम मोहब्बत का यूँ तो अज़ल से है, उल्फ़त की बरसात कब होगी। शुक्रिया जो बुलाया हमें दावत पे, पर दिल की मुलाक़ात कब...
absolutely beautiful