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Chalo Aaj Kuch Mai Bolta Hu...

Noted Nest

By Prashant Sachan


इस तरह बदलती इस दुनिया मैं,

 दो पल खुद की सोचता हूँ,

इस लम्बे वक़्त की चुप्पी को

 यूँ आज फिर मै तोडता हूँ, 

बहोत सुनी है सबकी मैनें,

चलो आज कुछ मैं बोलता  हूँ.

चलो आज कुछ मैं बोलता हूँ, 

देखीं हैं बड़ी शान  मैंने,

देखे हैं परे शान  मैनें,

दिन के सफ़ेद उजालों में ,

देखे हैं अंधकार  मैंने, 

कुछ भूली बिसरी बातो को ,

वक़्त के हाथों में छोड़ता हूँ,

वक़्त की धारा में मोड़ता हूँ, 

चलो आज कुछ मै बोलता हूँ.

आती हुई इस नींद से उठकर,

बिस्तर के आगे न झुककर ,

तकिये का कुछ सहारा लेकर, 

नई सोच में पड़ता हूँ,

इक नयी सोच फिर रखता हूँ, 

चलो आज कुछ मैं बोलता हुँ


By Prashant Sachan



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