top of page
Noted Nest

Maa

Updated: Oct 5

By Shweta Kumari



Maa

वो कल भी बच्चे संभालती थी,

वो आज भी बच्चे संभालती है |

कल मुझे संभालती थी,

आज मेरे अंश को संभालती है |


उम्र उसकी भी हो चली है,

पर सेवानिवृत नहीं हुई |

चेहरे पर झुर्रिया आ गई,

पर वो मुस्कान धूमिल नहीं हुई |


कुछ नया सीखने को,

आज भी उत्साहित रहती है |

क्या नया कर दूं बच्चों के लिए,

इसी उधेड़बुन में दिन भर रहती है |


मन सोचता है बार बार,

कैसे कर लेती हैं इतना कुछ,

मैं तो थक जाती हू एक ही बार |

सच है ऑफिस नहीं जाती थी,

पर २४ घंटे परिवार को समर्पित थी |


झुंझला कर जो कह देते सब,

आप कुछ नही समझती |

घर के बाहर की दुनिया क्या है, 

आप कुछ नही जानती |


हर बार नम आंखों से बस मुस्कुरा देती,

वो दर्द आज समझ पाती हूं |

जब इतना कुछ कर के भी, 

परिस्थितियों से हार जाती हूं |


हर किसी को सेवानिवृत मिलती है,

पर वो मरते दम तक कार्यरत ही रहती है |

सच है वो मां है ,वो कभी नही थकती है,

हार जाते है इंसान पर मां कभी नही हारती है |


By Shweta Kumari



16 views2 comments

Recent Posts

See All

What if Humans Disappear?

By Shenaya B As the sun rises, There is no man to open their eyes, As the sun rises, There are no babies to let out their cries. The...

It Still Haunts

By Atulyaa Vidushi Pen was never a weapon until words were getting weak, Pain, reality, negligence were at the peak; Wrote thousands of...

Escapism

By Atulyaa Vidushi The escapism we keep in our heart to meet the needs of our mind , I never understood what the need is and what is it's...

2件のコメント


Daya Heet
Daya Heet
7月31日

सच है....मां कभी सेवानिवृत नहीं होती...सुंदर गीत रचना

いいね!

बहुत उम्दा

いいね!
bottom of page