हबीब कोई।।...
By Abhimanyu Bakshi आसमान को दिखाया है मैंने उसका रक़ीब कोई, बदलता है मौसम जैसे यहाँ पर हबीब कोई। उसे नई ख़ुश्बूओं से मिले फ़ुरसत, मैं...
हबीब कोई।।...
कब होगी।।...
मर गए हैं हालात।।...
दरमियान।।...
तेरे यहाँ का सफ़र किए जा रहा हूँ मैं
ये रूद-ए-अश्क दिल का पसीना ज़रूर है
महताब लहका बेशा-ए-मिज़्गाँ सियाह था
सनसनाती चीस को अब सांस से सुलगाइयो
बस इक सवाल से रुखसार-ए-अर्श लाल हुए