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Oct 29, 20241 min read
हबीब कोई।।...
By Abhimanyu Bakshi आसमान को दिखाया है मैंने उसका रक़ीब कोई, बदलता है मौसम जैसे यहाँ पर हबीब कोई। उसे नई ख़ुश्बूओं से मिले फ़ुरसत, मैं...
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Oct 29, 20241 min read
कब होगी।।...
By Abhimanyu Bakshi मौसम मोहब्बत का यूँ तो अज़ल से है, उल्फ़त की बरसात कब होगी। शुक्रिया जो बुलाया हमें दावत पे, पर दिल की मुलाक़ात कब...
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Oct 29, 20241 min read
मर गए हैं हालात।।...
By Abhimanyu Bakshi (भूलियेगा नहीं, जब अगस्त 2024 में इंसानियत की हत्या हुई थी…) अब मंदिरों से बुत हटवा दीजिए, उनकी जगह धन-दौलत रखवा...
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Oct 29, 20241 min read
दरमियान।।...
By Abhimanyu Bakshi ज़िंदगी है फ़ुरसत-ओ-मसरूफ़ियत के दरमियान, मैं खड़ा हूँ तसव्वुर-ओ-असलियत के दरमियान। एक हसरत थी दोनों में राब्ता बनाने...
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Apr 13, 20241 min read
तेरे यहाँ का सफ़र किए जा रहा हूँ मैं
By Odemar Bühn तिरे यहाँ का सफ़र किए जा रहा हूँ मैं यही सफ़र उम्र-भर किए जा रहा हूँ मैं गया है दिल पर नहीं मिलेगा तिरे भी पास तो क्यों...
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Apr 13, 20241 min read
ये रूद-ए-अश्क दिल का पसीना ज़रूर है
By Odemar Bühn ये रूद-ए-अश्क दिल का पसीना ज़रूर है दिल से लहू भी जारी मजर्रा सा दूर है हर धड़कन उसको फाँदना है कैसा फ़ासिला दिल दूरियों...
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Apr 13, 20241 min read
महताब लहका बेशा-ए-मिज़्गाँ सियाह था
By Odemar Bühn महताब लहका बेशा-ए-मिज़्गाँ सियाह था यकलख़्त चुपके हो चुका वस्ल-ए-निगाह था पंखों की फड़फड़ाहट उसे फ़ाश कर गयी मदफ़ूँ है वो...
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Apr 13, 20241 min read
सनसनाती चीस को अब सांस से सुलगाइयो
By Odemar Bühn सनसनाती चीस को अब साँस से सुलगाइयो आँख मूँदे ज़ख़्म को अब आँख-सा खुलवाइयो देख ले जो हाथ में हो वो भी कितना दूर है बाँध जा...
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Apr 13, 20241 min read
बस इक सवाल से रुखसार-ए-अर्श लाल हुए
By Odemar Bühn बस इक सवाल से रुख़सार-ए-अर्श लाल हुए तो शुक्र है कि अदा ही न सब सवाल हुए तुझे तो आपसे उतने ही इत्तिसाल हुए कि जितने आपसे...
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